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चितौड़गढ़ किले का निर्माण मौर्य राजा चित्रांगद मौर्य ने 7 वीं सदी में कराया था।

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चितौड़गढ़ का जो किला भारतीय इतिहास में राणा के वंशजों की शान का प्रतीक है, उसका निर्माण एक मौर्य राजा चित्रांगद मौर्य ने 7 वीं सदी में कराया था।  8 वीं सदी के मध्य में सिसौदिया वंश के संस्थापक बप्पा रावल ने राजस्थान में मौर्य वंश के अंतिम शासक मान मौर्य से यह किला अपने कब्जे में कर लिया था।  मान कवि के राजविलास में चित्रांगद मौर्य द्वारा चितौड़ दुर्ग की स्थापना तथा उसके द्वारा 18 प्रांतों पर शासन करने का शानदार वर्णन है। चित्रांगद मौर्य की सेना में 3 लाख अश्व, 3 हजार हाथी, 1 हजार रथ और असंख्य पदाति थे।  चित्रांगद मौर्य तथा उसके वंशजों का गौरवशाली वृत्तांत इतिहास - ग्रंथों से गायब हैं। बावजूद इसके चित्रांगद मौर्य एक शक्तिशाली और प्रभावशाली राजा था, जिसने एक अजेय दुर्ग की स्थापना की जो अपने ढंग का अनुपम किला है। ( संदर्भ :- राजपुताने का इतिहास, पहली जिल्द पृ. 95 , 305 ( पाद - टिप्पणी -1 ) तथा राजविलास , छंद 16 , 21 , पृ. 18  )

बाबू जगदेव प्रसाद जी

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बाबू जगदेव प्रसाद जी 1947 को भारत आजाद हुआ ।1952 से चुनाव शुरू हुआ। 1966 तक सिर्फ तमिलनाडू को छोडकर बाकी पूरे देश मे सामन्तवादी, विषमतावादी सरकारे हुआ करती थी। एक वर्ग विशेष के लोगो का शासन हुआ करता था। आजादी के बाद यदि किसी राजनेता ने इस मिथक को तोडने का काम किया। तो वह कोई और नहीं, भारत लेनिन बाबू जगदेव प्रसाद जी थे। बाबू जगदेव प्रसाद विधानसभा पहुंचकर महज कुछ साथियों के साथ विधानसभा की कार्यवाही को ही प्रभावित नही किया बल्कि पूरे शासन सत्ता की भागदौड़ ही बहुसंख्यक समाज के हाथो मे दे दी थी। बाब ू जगदेव के नेतृत्व मे जो प्रक्रिया बिहार से शुरू हुई। धीरे-धीरे 26 प्रदेशों में बहुसंख्यक समाज की सरकारें बनी। दुनिया के इतिहास मे कोई भी पर्व, उत्सव किसी महापुरुष के जन्मदिन, शहादत दिवस, विजय, या पराजय की स्मृति मे मनाया जाता है। भारत में जिस महापुरुष के नेतृत्व में बहुसंख्यक समाज की सरकारे बननी शुरू हुई।जिन्होने आपके लिए अपने सीने पर गोली खाई। आपकी पीढियों के लिए शहीद हो गये। और विडम्बना देखिए जिन्होने आपकी पीढियो के अपनी जान दे दी। आज आपलोग उन्हे जानते तक नहीं। यदि जानते भी हैं तो उनके विचारो

रामायण के रामसेतू पुल की कुछ गपोड़ कहानियाँ

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#_रामायण_के_रामसेतू पुल_कि_कुछ_गपोड़_कहानियाँ क्या रामायण में श्रीलंका जाने के लिए सच में पुल का निर्माण किया गया था। अगर किया गया था तो किसका किसका बाप दादा-प्रदादा उस पुल को देखा है जबकि पुल को बनाने में पूरे पांच दिन का समय लगा था। पहले दिन में 14 योजन, दूसरे दिन 20 योजन, तीसरे दिन 21 योजन, चौथे दिन 22 योजन और पांचवे दिन 23 योजन पुल बनाया था। इस प्रकार कुल 100 योजन लंबाई का पुल समुद्र पर बनाया गया यह पुल 10 योजन चौड़ा था। एक योजन लगभग 08-14km होता है अगर मैं 10km योजन ही लेता हूं तो 10x10 = 130km चौड़ा और 100 × 10 = 1000km लम्बा होता हैं। क्या आज तक कोई भी व्यक्ति 130km चौड़ा और 1000km लम्बा पुल देखा है? नोट-1972 तक इसका नाम सीलोन (अंग्रेजी:Ceylon) था, जिसे  1972 में बदलकर लंका तथा 1978 में इसके आगे सम्मानसूचक शब्द "श्री" जोड़कर श्रीलंका कर दिया गया ।

8 जनवरी, विश्व बौद्ध "#धम्म_ध्वज" दिवस

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8 जनवरी, विश्व बौद्ध  "#धम्म_ध्वज"  दिवस   🏳️‍🌈#World_Buddhist_Flag_day🏳️‍🌈                         8 जनवरी 1891 बौद्ध जगत में विशेष महत्व का दिन है क्योंकि इसी दिन " धम्म ध्वज " की स्थापना हुई थी। यह धम्म ध्वज सम्पूर्ण विश्व को शांति, प्रगति मानवतावाद और समाज कल्याण की सदैव प्रेरणा देता है। इस धम्म ध्वज में पांच रंग होते है जिनका अपना अर्थ और भाव है। इस धम्म ध्वज में 5 रंग हैं इसलिए इसको #पंचशील का झंडा भी कहा जाता है। धम्म ध्वज हमारी आन, बान और शान हैं,   #आओ धम्म ध्वज के पांच रंगों के भावार्थ को हम  समझे। 🙏 (1) #नीला (blue) रंग :- इस रंग का भावार्थ   है समानता और व्यापकता- अर्थात इस नीले आसमान के नीचे सभी  व्यक्ति सामान है । सार्वभौमिक करुणा।  सभी प्राणी मात्र के प्रति कल्याण करने की भावना रखना।       'सब्बे सत्ता सुखी होन्तु'/ भवतु सब्ब मंगलं (2) #पीला( yellow) रंग :- इस रंग का भावार्थ  -------------------   है ' मध्यम मार्ग ' The middle path. जैसा कि विदित है कि बुद्ध ने मध्यम मार्ग हेतु अष्टांगिक मार्ग पर चलने का रास्ता बताया ह

धर्म झूठा है,या विज्ञान झूठा है?

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🧠🧠🗣️🗣️👇👇 (आखिरी तक पढ़े) धर्म झूठा है,या विज्ञान झूठा है?  धर्म और शास्त्र विवेक और विज्ञान के दुश्मन है....कैसे ?  आईये देखते हैं! 1.विज्ञान व भूगोल:- गंगा हिमालय के गंगोत्री हिमनद (ग्लेशियर) से निकलती है। धर्म व शास्त्र:- गंगा शिवजी की जटा से निकलती है और भगीरथ इसे स्वर्ग से धरती पर लाया था। 2.विज्ञान व भूगोल:- जल-वाष्प से भरे बादल जब हवाओं के सम्पर्क में आते हैं तो वर्षा होती है जबकि धर्म व शास्त्र:- वर्षा इंद्र देवता कराते हैं। 3.विज्ञान व भूगोल:- पृथ्वी अपनी धुरी पर 23 डिग्री झुकी हुई है। जब दो tectonic plates आपस में टकराती हैं तो भूकंप आता है। जबकि धर्म व शास्त्र:- पृथ्वी शेषनाग के फन पर टिकी हुई है और जब वह करवट बदलता है तो भूकम्प आता हैं। दूसरी जगह लिखा है कि पृथ्वी बैल/गाय के सीगं पर टिकी हुई है और थक कर जब वह सीगं बदलता/ती है तो भूकम्प आता है। 4.विज्ञान व भूगोल:- पृथ्वी और चन्द्रमा परिक्रमा करते हुऐ जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के मध्य आ जाती है तो चंद्र ग्रहण होता है। जबकि धर्म व शास्त्र:- चंद्र ग्रहण के समय राहु चन्द्रमा को खा जाता है। 5.विज्ञान:- हवाई जहाज के माध्यम स

क्या आप जानते हैं कि तथागत गौतमबुद्ध ने पहली दीक्षा.....।

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सब से पहले इस तस्वीर को देखिए ! देख लिया तो अब हम समझने की कोशिश करते हैं 🙏🙏 क्या आप जानते हैं कि तथागत गौतमबुद्ध ने पहली दीक्षा सिर्फ़ पांच लोगों (भिक्षु) को सारनाथ की धरती पर दी थी । और उन पांच भिक्षुओं ने बुद्ध की विचारधारा को पूरी दुनिया में पहुंचा दिया । इधर भारत में ही बाबा साहिब ने अपने खर्चे पर सोलह लोगों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए विदेश भेजा था जिन में से पन्द्रह तो वहीं विदेश में ही रह गए और जो एक बचा था वो भी जब वापस भारत में आया था तो वो भी ब्राह्मणों का गुलाम बन गया  जब 6 दिसंबर 1956 को बाबा साहिब का देहांत हुआ तो छह लाख इकट्ठा हुए थे जो दहाड़ें मार मार कर रो रहे थे, लेकिन क्या उन छह लाख लोगों में से एक भी ऐसा नहीं था जो बाबा साहिब का सपना पूरा करने के लिए आगे आता ? क्या आप ने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों हुआ ? _______________________ चलों बुद्ध की ओर...   🙏#अपना_स्वामी_स्वयं_बनो🙏        👌#सबका_मंगल_हो👌 #जय_मूलनिवासी      #जय_संविधान

आज ये हमारे आरक्षण और संविधान का विरोध......

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पौराणिक आरक्षण संसार की समस्त धन संपत्ति का मालिक ब्राम्हण के सिवा कोई दुसरा नहीं है!!【मनु.1/100】 ब्राह्मण शूद्र की संपत्ति को जबरन छीन सकता है क्योंकि शूद्र का अपना कुछ भी नहीं है!!【मनु.8/417】 शूद्र को संपत्ति इकट्ठा नहीं करना चाहिए इससे ब्राह्मण को दुख होता है!!【मनु.10/129】 जो शूद्र अपने प्राण, धन और स्त्री ब्राह्मण को अर्पित कर दे, उस शूद्र का भोजन ग्रहण करने योग्य है!! 【विष्णु पुराण 5/11】 मनुष्यों में ब्राह्मण तेजी में सूर्य और संपूर्ण शरीर में मष्तिष्क के समान सब धर्मों में श्रेष्ठ है!!【मनु.8/82】 मूर्ख ब्राह्मण का भी श्रेष्ठता में उच्च स्थान है!!【मनु.9/317】 पूजिय विप्र सकल गुण हीना, शूद्र न गुनगन ज्ञान प्रवीना! शूद्र करहि जप तप व्रत नाना  बैठी बारासन कहहि  पुराना  सब नर कल्पित करहि अचारा जाई न वरनी अनीति अपारा 【रामचरित मानस अरण्य कांड】 जो वरणाधम तेलि कुम्हारा, स्वपच किरात कोल कलवारा तथा अभीर यमन किरात खस, स्वपचादि अति अघरुप जे!! अर्थात : तेली, कुम्हार, भंगी, आदिवासी, कलवार, अहीर, मुसलमान और खटिक नींच और पापी कौमें होती है!!【रामचरित मानस उत्तर कांड】 ब्राह्मण दुश्चरित्र हो तब भी पूज

संविधान दिवस

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संविधान दिवस कि हार्दिक शुभकामनाएं। हर वर्ष 26 नवंबर संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है  यह 26 नवंबर 1949 को विधानसभा द्वारा विधिवत संविधान को अपनाया गया था संविधान ही हैं जो हमें आजाद देश का आजाद नागरिक होने का एहसास कराता है। जहां संविधान के दिए  मौलिक अधिकार हमारे ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं वही इसमें मौलिक कर्तव्य हमें हमारी जिम्मेदारियों की याद  दिलाती है । 26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी मनाया जाता है 26 जनवरी 1950 को इसे पूरे देश में लागू कर दिया गया था इसे लिखने में 2 वर्ष 11 महिना 18 दिन लगा था। "भारतीय संविधान के मूल प्रति का स्वरूप> 16 इंच चौड़ी है संविधान की मूल प्रति।  22 इंच लंबे चर्म पत्र सीटों पर लिखी गई है । 251 पृष्ठ शामिल थे पांडुलिपि में । इसमें 395 अनुच्छेद। 8 अनुसूचियां  22 भाग जो वर्तमान में बढ़ कर 488अनुच्छेद 12 अनुसूचियां और 25 भाग हो ग‌ए हैं ।

'संविधान दिवस' की हार्दिक शुभकामनाएं।

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सभी देश वासियों को  'संविधान दिवस'  की हार्दिक शुभकामनाएं। उन सभी महान विभूतियों को नमन, जिन्होंने समता, बंधुत्व व अंत्योदय की भावना से दीप्त सर्वसमावेशी संविधान के निर्माण में अपना योगदान दिया। आइए, इस अवसर पर हम सभी अपने महान संविधान के अनुसार आचरण करने हेतु संकल्पित हों। #सामाजिक_परिवर्तन_एक_नई_क्रांति  #प्रगतिशील_विश्व_मौर्य_परिषद 🔥वीरेंद्र मौर्य (सम्राट) जिला सोशल मीडिया प्रभारी लखनऊ💥 प्रगतिशील विश्व मौर्य परिषद- अखंड भारत💯

*मौर्य , कुशवाहा, शाक्य, सैनी का इतिहास बोलता है।*

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* मौर्य , कुशवाहा, शाक्य, सैनी का इतिहास बोलता है।* मौत के खौफ से तू क्या डरायेगा ऐ जालिम , मैं खुद पराक्रमी महान सम्राट "मौर्यवंश" का छाया हूँ! जिसने था भारत को अखण्ड किया , ऐसा इतिहास बदलने वाला मैं काया हूँ! #जय_हो_सम्राट_अशोक_मौर्य_महान #जय_भारत  

भारत वर्ष के प्राचीन इतिहास से जुड़े कुछ प्रश्न।

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(1) प्रश्न - भारत का सबसे प्राचीनतम राजवंश कौन-सा है ? उत्तर - मौर्य वंश । (2) प्रश्न - मौर्य साम्राज्य की स्थापना किसने की थी ? उत्तर - चक्रवर्ती सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य ने । (3) प्रश्न - सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के माता-पिता का क्या नाम था ? उत्तर - चन्दवड्ढन (चन्द्रवर्धन) धम्म मोरिया । (4) प्रश्न - मौर्य साम्राज्य की स्थापना कब की गई ? उत्तर — 322 ई० पू० । (5) प्रश्न - विष्णुगुप्त मौर्य (चाणक्य) किसके प्रधानमंत्री थे ? उत्तर - सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के । (6) प्रश्न - सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन विस्तार में सबसे अधिक सहयोग किसने किया ? उत्तर - उनके भाई/प्रधानमंत्री विष्णुगुप्त मौर्य (चाणक्य) ने । (7) प्रश्न - सम्राट बिन्दुसार ने विद्रोह को खत्म करने के लिए युवराज अशोक को कहाँ भेजा था ? उत्तर - तक्षशिला (वर्तमान पाकिस्तान) में । (8) प्रश्न - किस सम्राट का नाम देवनापिंय, प्रियदस्सी ( प्रियदर्शी) था ? उत्तर - सम्राट अशोक महान का । (9) प्रश्न - किस सम्राट ने कलिंग युद्ध के बाद बुद्ध धम्म (बौद्ध धर्म) की दीक्षा ली थी ? उत्तर - सम्राट अशोक महान ने । (10) प्रश्न - कलिंग का युद्ध कब हु

🙅🙅 #_एक_लड़की_की__पुकार 🙅🙅

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🙅🙅 #_एक_लड़की_की__पुकार 🙅🙅 जब स्कूल मेें थी तो एक लड़के ने कहा - मेरी #गर्लफ्रेंन्ड बन जाओ ............ कॉलेज गई तो कहा आईटम बन जाओ .......... यूनिवर्सिटी गई तो कहा पार्टटाईम पार्टनर बन जाओ ....... किसी ने ये नही कहा कि #में तेरा हमसफर, तुम मेरी दुल्हन बन जाओ या मै तैरा #भाई और तू मेरी बहन बन जाओ ... मेरे बच्चो की जन्नत उनका पहला मदरसा बन जाओ ...... जिसने भी चाहा #खिलौना बनाना चाहा ............ खेलने के लिए , #दिल बहलाने के लिए .......... कपड़े उतारने के लिए........ हवस को संवारने के लिए ........ दिल लुभाने के लिए ............ मै सोचती रह गई की इसकी भी तो बहन होगी  हर अमल का दर अमल ही होता है  तो क्या भाई का बदला बहन चुकाएगी भाई इज्जतों को उछालता रहेगा और बहन बदला चुकाती रहेगी लेकिन फिर ख्याल आया नही  इसके आने वाले वक्त में एक बेटी भी होगी जिससे ये इतना प्यार और मुहब्बत करेगा ...... वो मासूम जान इनके सब कर्ज चुकायेगी 😢😢 बाप की जवानी के गुनाह बेटी माफ करवायेगी.... इसी लिए तो कहता हूँ । #भाईयो ----- #लड़की चाहे किसी की भी हो  वो आखिर है तो अपनी ही बहन बेटी ............ तो क्या हम लोग

#अंतरराष्ट्रीय_प्राचीन पर्व दीपदानोत्सव

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समस्त विश्व वासियों को #अंतरराष्ट्रीय_प्राचीन पर्व दीपदानोत्सव की सभी को मंगल कामनाएं। आज ही के दिन विश्व विजेता सम्राट अशोक महान ने 84000 स्तंभ, स्तूप, शिलालेख, गुहालेख चैत्य, बिहार, विश्वविद्यालय आदि बनवाकर एक साथ दीपोत्सव पर्व मनाया गया था।पूरा भारत दीपो की रोशनी से जगमगा उठा था। आज आप लोग नाली में नही बल्कि पूरे घर को सजाए पूरे घर में दीप जलाए उत्सव मनाए और भारतीय संस्कृति, सभ्यता को पुनः सजोने का काम करे महापुरुषों का कुल का मान बढ़ाए यही प्राचीन पर्व है।

पूरी दुनिया में भारत की पहचान है तथागत गौतम बुध्द से.!!

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भारत की पहचान है तथागत गौतम बुध्द  से.!!

*सम्राट अशोक महान धम्मविजय दिवस विशेष।

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*सम्राट अशोक महान धम्मविजय दिवस 👉 *विश्व विजेता महान सम्राट अशोक के धम्म विजयदिवस के पावन अवसर पर सम्राट अशोक द्वारा किये गए सदकार्यों की चर्चा तो होनी ही चाहिए।*  👉 *विश्व विजेता महान सम्राट अशोक ने अपने शासनकाल में भारत में 10 विश्वविद्यालयों की स्थापना कर उन्हें बनबाया था l* 👉 * अशोक महान द्वारा बनबाये गए विश्व विद्यालय के नाम इस प्रकार हैं* 1. रतनगिरी विश्वविद्यालय, 2. विक्रमशिला विश्वविद्यालय, 3. जगद्दला विश्वविद्यालय , 4. नालंदा विश्वविद्यालय, 5. तक्षशिला विश्वविद्यालय, 6. वालाभी विश्वविद्यालय, 7. पुष्पगिरी विश्वविद्यालय, 8. ओदांतापुरी विश्वविद्याल, 9. सोमपुरा विश्वविद्यालय और 10. विक्रमशिला विश्वविद्यालय   👉 *महान सम्राट अशोक ने अपने शासनकाल में 84000 बुद्धविहार /शिलालेखों का निर्माण करवाया था एवं अशोक स्तम्भ बनबाये, महान सम्राट अशोक का एक शेर वाला स्तंभ विजय का प्रतीक है।* 👉 *महान सम्राट अशोक का चार शेर वाला स्तभ विश्वविजय का प्रतीक है। महान सम्राट अशोक का चार शेर वाला स्तंभ भारत सरकार ने राष्ट्रीय चिंह के रूप में लिया है जो भारत सरकार के मुद्रा पर

सासाराम बिहार मे सम्राट अशोक का शिलालेख को कैद में।

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जिस सम्राट अशोक महान ने पूरी दुनिया को लोक कल्याण का पाठ पढ़ाया, आज सासाराम बिहार मे उनका ही शिलालेख को कैद मे? मा. @rashtrapatibhvn @NitishKumar @UpendraKushJDU @yadavtejashw i   @ASIGoI जी अविलंब शिलालेख को मुक्त कराने की कृपा करें! #शिलालेख_को_मुक्त_करो

सासाराम में सम्राट अशोक के लघु शिलालेख के ऊपर मजार।

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सासाराम में सम्राट अशोक का लघु शिलालेख है। नवंबर 1875 में एलेक्जेंडर कनिंघम अपनी बीच यात्रा छोड़ कर इसे देखने के लिए सासाराम लौटे थे। गुलाम भारत के ब्रिटिश सरकार ने इसके महत्व को समझते हुए इसे संरक्षित कर लिया था। लेकिन आजाद भारत में यह शिलालेख ताले में कैद है। कुछे लोगों ने इसे मजार घोषित कर दिया है। पुरातत्व विभाग बरसों से ताला खोले जाने के लिए जिलाधिकारी को पत्र दे रहा है। मगर आज भी यह शिलालेख कैद है। सम्राट अशोक से पहले मजार जैसा कोई स्मारक नहीं था। इसलिए भारत सरकार और बिहार सरकार सम्राट अशोक की इस विरासत को फौरन मुक्त कराए।

जाना था पूरब और जा रहे थे पश्चिम तो रिजल्ट आता कैसे?

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जाना था पूरब और जा रहे थे पश्चिम तो रिजल्ट आता कैसे? था अशोक स्तंभ और बताया गया भीम की लाठी तो पहचानाता कैसे? था अशोक का इतिहास और बताया गया महाभारत का वृत्तांत तो विषय पकड़ाता कैसे? लिखा था प्राकृत में और पढ़ा जा रहा था संस्कृत में तो पढ़ाता कैसे? इसीलिए अशोक के शिलालेखों को पढ़ने में देर हुई। अभी सम्राट अशोक पर पश्चिम के देशों में बड़े पैमाने पर शोध जारी है। अनेक नवीन तथ्य फलक पर आ रहे हैं। इतिहास के झूठे ठिकानों पर छापा मारती किंडल पर आ गई पुस्तक - " सम्राट अशोक का सही इतिहास "। छापामारी में अनेक नकली और मिलावटी तथ्य बरामद हुए हैं।

सच्चा शेर, सच्चा महापुरुष ललई सिंह यादव जी जिन्होंने राम को ही चुनोती दे डाली।

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ललई सिंह यादव जिसने राम को ही चुनोती दे डाली और जीत भी हासिल कर ली, सच्चा शेर, सच्चा महापुरुष ललई सिंह यादव थे। जिन्होंने कोर्ट में सिद्ध कर दिया कि रामायण ( राम ) काल्पनिक ग्रंथ है । उन्होंने इतिहास को ठीक से समझा और डॉ . बाबासाहेब आंबेडकर से प्रेरणा ली और सभी SC , ST , OBC , का मार्गदर्शन किया । इसलिए ब्राम्हणवादी लोग ललई सिंह यादव के नाम से जलते हैं ।  मनुवाद - पाखण्डवाद - अंधविश्वास की जडे हिलाने वाले उत्तर भारत के पेरियार के नाम से विख्यात ललई सिंह यादव जी है। ललई सिंह यादव जी को कोटि कोटि नमन करता हूं।