सासाराम में सम्राट अशोक के लघु शिलालेख के ऊपर मजार।

सासाराम में सम्राट अशोक का लघु शिलालेख है। नवंबर 1875 में एलेक्जेंडर कनिंघम अपनी बीच यात्रा छोड़ कर इसे देखने के लिए सासाराम लौटे थे।

गुलाम भारत के ब्रिटिश सरकार ने इसके महत्व को समझते हुए इसे संरक्षित कर लिया था। लेकिन आजाद भारत में यह शिलालेख ताले में कैद है।
कुछे लोगों ने इसे मजार घोषित कर दिया है। पुरातत्व विभाग बरसों से ताला खोले जाने के लिए जिलाधिकारी को पत्र दे रहा है। मगर आज भी यह शिलालेख कैद है।

सम्राट अशोक से पहले मजार जैसा कोई स्मारक नहीं था। इसलिए भारत सरकार और बिहार सरकार सम्राट अशोक की इस विरासत को फौरन मुक्त कराए।

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