जाना था पूरब और जा रहे थे पश्चिम तो रिजल्ट आता कैसे?
जाना था पूरब और जा रहे थे पश्चिम तो रिजल्ट आता कैसे?
था अशोक स्तंभ और बताया गया भीम की लाठी तो पहचानाता कैसे?
था अशोक का इतिहास और बताया गया महाभारत का वृत्तांत तो विषय पकड़ाता कैसे?
लिखा था प्राकृत में और पढ़ा जा रहा था संस्कृत में तो पढ़ाता कैसे?
इसीलिए अशोक के शिलालेखों को पढ़ने में देर हुई।
अभी सम्राट अशोक पर पश्चिम के देशों में बड़े पैमाने पर शोध जारी है।
अनेक नवीन तथ्य फलक पर आ रहे हैं।
इतिहास के झूठे ठिकानों पर छापा मारती किंडल पर आ गई पुस्तक - " सम्राट अशोक का सही इतिहास "।
छापामारी में अनेक नकली और मिलावटी तथ्य बरामद हुए हैं।