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धर्म झूठा है,या विज्ञान झूठा है?

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🧠🧠🗣️🗣️👇👇 (आखिरी तक पढ़े) धर्म झूठा है,या विज्ञान झूठा है?  धर्म और शास्त्र विवेक और विज्ञान के दुश्मन है....कैसे ?  आईये देखते हैं! 1.विज्ञान व भूगोल:- गंगा हिमालय के गंगोत्री हिमनद (ग्लेशियर) से निकलती है। धर्म व शास्त्र:- गंगा शिवजी की जटा से निकलती है और भगीरथ इसे स्वर्ग से धरती पर लाया था। 2.विज्ञान व भूगोल:- जल-वाष्प से भरे बादल जब हवाओं के सम्पर्क में आते हैं तो वर्षा होती है जबकि धर्म व शास्त्र:- वर्षा इंद्र देवता कराते हैं। 3.विज्ञान व भूगोल:- पृथ्वी अपनी धुरी पर 23 डिग्री झुकी हुई है। जब दो tectonic plates आपस में टकराती हैं तो भूकंप आता है। जबकि धर्म व शास्त्र:- पृथ्वी शेषनाग के फन पर टिकी हुई है और जब वह करवट बदलता है तो भूकम्प आता हैं। दूसरी जगह लिखा है कि पृथ्वी बैल/गाय के सीगं पर टिकी हुई है और थक कर जब वह सीगं बदलता/ती है तो भूकम्प आता है। 4.विज्ञान व भूगोल:- पृथ्वी और चन्द्रमा परिक्रमा करते हुऐ जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के मध्य आ जाती है तो चंद्र ग्रहण होता है। जबकि धर्म व शास्त्र:- चंद्र ग्रहण के समय राहु चन्द्रमा को खा जाता है। 5.विज्ञान:- हवाई जहाज के माध्यम स

क्या आप जानते हैं कि तथागत गौतमबुद्ध ने पहली दीक्षा.....।

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सब से पहले इस तस्वीर को देखिए ! देख लिया तो अब हम समझने की कोशिश करते हैं 🙏🙏 क्या आप जानते हैं कि तथागत गौतमबुद्ध ने पहली दीक्षा सिर्फ़ पांच लोगों (भिक्षु) को सारनाथ की धरती पर दी थी । और उन पांच भिक्षुओं ने बुद्ध की विचारधारा को पूरी दुनिया में पहुंचा दिया । इधर भारत में ही बाबा साहिब ने अपने खर्चे पर सोलह लोगों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए विदेश भेजा था जिन में से पन्द्रह तो वहीं विदेश में ही रह गए और जो एक बचा था वो भी जब वापस भारत में आया था तो वो भी ब्राह्मणों का गुलाम बन गया  जब 6 दिसंबर 1956 को बाबा साहिब का देहांत हुआ तो छह लाख इकट्ठा हुए थे जो दहाड़ें मार मार कर रो रहे थे, लेकिन क्या उन छह लाख लोगों में से एक भी ऐसा नहीं था जो बाबा साहिब का सपना पूरा करने के लिए आगे आता ? क्या आप ने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों हुआ ? _______________________ चलों बुद्ध की ओर...   🙏#अपना_स्वामी_स्वयं_बनो🙏        👌#सबका_मंगल_हो👌 #जय_मूलनिवासी      #जय_संविधान

आज ये हमारे आरक्षण और संविधान का विरोध......

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पौराणिक आरक्षण संसार की समस्त धन संपत्ति का मालिक ब्राम्हण के सिवा कोई दुसरा नहीं है!!【मनु.1/100】 ब्राह्मण शूद्र की संपत्ति को जबरन छीन सकता है क्योंकि शूद्र का अपना कुछ भी नहीं है!!【मनु.8/417】 शूद्र को संपत्ति इकट्ठा नहीं करना चाहिए इससे ब्राह्मण को दुख होता है!!【मनु.10/129】 जो शूद्र अपने प्राण, धन और स्त्री ब्राह्मण को अर्पित कर दे, उस शूद्र का भोजन ग्रहण करने योग्य है!! 【विष्णु पुराण 5/11】 मनुष्यों में ब्राह्मण तेजी में सूर्य और संपूर्ण शरीर में मष्तिष्क के समान सब धर्मों में श्रेष्ठ है!!【मनु.8/82】 मूर्ख ब्राह्मण का भी श्रेष्ठता में उच्च स्थान है!!【मनु.9/317】 पूजिय विप्र सकल गुण हीना, शूद्र न गुनगन ज्ञान प्रवीना! शूद्र करहि जप तप व्रत नाना  बैठी बारासन कहहि  पुराना  सब नर कल्पित करहि अचारा जाई न वरनी अनीति अपारा 【रामचरित मानस अरण्य कांड】 जो वरणाधम तेलि कुम्हारा, स्वपच किरात कोल कलवारा तथा अभीर यमन किरात खस, स्वपचादि अति अघरुप जे!! अर्थात : तेली, कुम्हार, भंगी, आदिवासी, कलवार, अहीर, मुसलमान और खटिक नींच और पापी कौमें होती है!!【रामचरित मानस उत्तर कांड】 ब्राह्मण दुश्चरित्र हो तब भी पूज