मौर्य शासन को खत्म करने वाला शुंगवंश (ब्राम्हण वंश) था।

मौर्य शासन को खत्म करने वाला शुंग वंश (ब्राम्हण वंश) था। पुष्यमित्र शुंग ने मौर्य साम्राज्य के राजा को पीछे से वार कर खत्म किया था। मौर्य साम्राज्य लगभग 135 से 138 वर्ष तक राज किया। निर्विवाद रूप से भारत के पहले राजा सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य थे। जिन्होंने सभी खंडित राज्यो को जीता बल्कि सभी को मिलाकर एक बड़ा साम्राज्य खड़ा कर दिया जिसकी सीमाएं अफगानिस्तान और फारस के किनारे तक विस्तृत थी। जब तक मौर्य साम्राज्य था तब तक भारत खंड खंड नही हुआ था। मौर्य साम्राज्य 72 लाख वर्ग किलोमीटर (भारतीय गणराज्य की तुलना में क्षेत्र आकार की प्रतिशतता 219 % थी)। लेकिन जैसे ही मौर्य वंश के बाद शुंग वंश यानी कि ब्राम्हण वंश आया भारत खंड खंड हो गया। शुंगवंश का साम्राज्य सिर्फ 12 लाख वर्ग किलोमीटर तक ही बचा। जबकि शुंग वंश भी 112 साल तक शासन किया था। लेकिन क्या कारण था कि मौर्य साम्राज्य की तुलना में शुंग वंश के भारतीय गणराज्य का क्षेत्र आकार सिर्फ 37 % ही रहा। मौर्य शासन जब तक था किसी राजा ने अखंड भारत पर डर के मारे आंख उठाकर देखता भी नही था। फिर 72 लाख वर्ग किलोमीटर से 12 लाख वर्ग किलोमीटर भारतीय गणराज्य का क्षेत्रफल कैसे हो गया। अगर सम्राट अशोक मौर्य के बुद्धिज्म अपनाने से भारत को हानि हो रहा था। फिर मौर्य शासन के बाद भी बहुत से राजा शासन किये। शुंग वंश, गुप्त वंश, मराठा राजवंश, कुषाण राजवंश, इत्यादि। फिर से भारत का क्षेत्रफल क्यों नही बढ़ा पायें। अगर हम शासन काल आयु के अनुसार भारत सीमा की बात करें तो सबसे कम भारत का क्षेत्रफल शुंग वन्स में था। मतलब सबसे ज्यादा अखंड भारत की हानि शुंगवंश के राजाओं से हुई थी। और शुंग वंश (ब्राम्हण वंश) ही केवल एक ऐसा वंश है। जो इसका जिम्मेदार सम्राट अशोक को अहिंसक बताकर लोगो को गुमराह कर रहा है। और अपनी गलती को छिपाने की कोशिश कर रहा है।

#नोट:- मौर्यवंशी ही नही बल्कि सभी भारतवासियों को सच्चाई जानने की उत्सुकता होनी चाहिए।हमें उन सभी लोगो से ये सवाल का जवाब पूछना चाहिए जिन्होंने भारत के अखंडता का कारण मौर्यवंश के बुद्धिज्म अपनाने का उदाहरण दिया है।

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