चक्रवर्ती सम्राट अशोक का परिचय

 चक्रवर्ती सम्राट अशोक अखण्ड भारत के सबसे शक्तिशाली महान राजा हुए थे ।सम्राट अशोक  का जन्म 304 ईसा पूर्व में हुआ था और  सम्राट अशोक का पूरा नाम देवानांप्रिय अशोक मौर्य था। इनके पिता का नाम सम्राट बिन्दुसार था। और इनकी मां का नाम धर्मा था।  इतिहास में सम्राट अशोक के अलावा इनके केवल तीन भाई सुसीम, विट अशोक और तिष्य का ही जिक्र मिलता है |मौर्य वंश के सभी राजाओं में से अशोक ने  सबसे लंबे समय तक शासन किया था।  इनका का राजकाल 269 से 232 ईसा पूर्व तक रहा था | 72 वर्ष की आयु में सम्राट अशोक की मृत्यु  हो  गई  थी|

                                       चक्रवर्ती सम्राट अशोक

इनका मौर्य साम्राज्य उत्तर में हिन्दुकुश की श्रेणियों से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी तथा दक्षिण में मैसूर तक तथा पूर्व में बांग्लादेश से पश्चिम में अफ़गानिस्तान, ईरान तक पहुँच गया था।आज का सम्पूर्ण भारत, पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, म्यान्मार उस समय इन सारे देशो पर  सम्राट अशोक का ही राज था| यह साम्राज्य आज तक का सबसे बड़ा भारतीय साम्राज्य रहा है। 


सम्राट अशोक विश्व के सबसे महान एवं शक्तिशाली सम्राट हुऐ | सम्राट अशोक अपने साम्राज्य को इतना फैला लिया था कि वे भारत में ‘सम्राटों के सम्राट बन गये थे| इसलिए सम्राट अशोक को चक्रवर्ती सम्राट अशोक’ कहा जाता है, चक्रवर्ती का स्थान भारत में केवल सम्राट अशोक को ही मिला है। तथा सम्राट अशोक को बौद्ध धर्म के प्रचारक के रूप में भी जाना जाता है।


सम्राट अशोक ने संपूर्ण एशिया में तथा अन्य सभी महाद्वीपों में भी बौद्ध धर्म का प्रचार किया | इसका जीता जगता सबूत अशोक के बनवाये  स्तम्भ एवं शिलालेख है| ये स्तम्भ एवं शिलालेख आज भी सारनाथ, बोधगया, कुशीनगर तथा आदि स्थानो पर हैं और इन स्तम्भो एवं शिलालेखो पर मौर्य साम्राज्य और बौद्ध धर्म का वर्णन किया है इसलिए सम्राट अशोक की ऐतिहासिक जानकारी आसानी से मिल जाती है |


सम्राट अशोक पहले बौद्ध धर्म के अनुयायी नहीं थे |वे ब्राह्मण धर्म अनुयायी थे, पर सम्राट अशोक को कलिंग युद्ध के बाद ऐसा लगने लगा कि ब्राह्मण धर्म केवल दुसरो की जान लेना कर और लोगो को घर से बेघर करना कहीं सिखाता है इसलिए कलिंग युद्ध के बाद सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म को अपना लिया और वे बौद्ध धर्म  के अनुयायी हो गए तथा मानवतावादी बनगए, और वे बौद्ध धर्म का प्रचार करने लगे|  


सम्राट अशोक अपने पूरे जीवन में एक भी युद्ध नहीं हारे। अशोक द्वारा जितने भी युद्ध लड़े गए थे उनमें यह सदा विजय ही रहे थे। सम्राट अशोक ने 23 विश्वविद्यालयों की स्थापना की | जिनमें तक्षशिला, नालन्दा, विक्रमशिला, कन्धार आदि विश्वविद्यालय प्रमुख रहे| ये विश्वविद्यालय इतना प्रसिद्ध थे कि विदेशो से लोग शिक्षा प्राप्त करने आते थे| अशोक ने सर्वप्रथम बौद्ध पन्थ का सिद्धान्त लागू किया था|

  






                                                                                                                                                     
 

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